Monday, May 4, 2009

भारत की राजनीति - 2009

इस वर्ष भारत की मेषार्क लग्न घनु है। नव संवत् की लग्न तुला है जिसके चतुर्थ भाव मे नीच के बृहस्पति हैं तथा 1947 पर आघारित वृषभ लग्न की कुण्डली में 10 जुलाई, 2008 से 9 सितम्बर 2009 तक शुक्र में केतु की अन्तर्दशा है।
1. चूंकि भारत की वृषभ लग्न की कुंडली में आगामी 15वीं लोकसभा चुनाव के समय केतु अन्तर्दशा ही रहेगी और सिंह राशि में रहते हुए शनि कन्या राशि का फल देने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे और बृहस्पति मकर राशि में आने के कारण सरकार की प्रकृति पर असर डालेंगे। चूंकि कुंभ राशि पर शनि का प्रभाव कम हो रहा है और वे कन्या राशि का प्रभाव देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुके हैं तथा इस कारण से ही भारत की जन्म लग्न के छठे भाव को भी उतना प्रभावित नहीं कर पा रहे हैं। ठीक इसी समय शनि देवता वक्री हैं जो कि भारत के भाग्य के विघाता हैं। यह सब इस बात के संकेत हैं कि अगली सरकार मे व्यापक परिवर्तन आएंगे। अगली सरकार भी संयुक्त सरकार होगी और उसमें कई नए दल शामिल होंगे। कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा।

2. श्रीमती सोनिया गांघी भाग्येश की अन्तर्दशा के अन्तर्गत चल रही हैं। उनकी यश-प्रतिष्ठा में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। गोचरवश शनिदेव कन्या राशि का फल देना प्रारंभ कर देंगे अत: उनके नवम भाव पर शनिदेव की दृष्टि आ रही है। भाग्येश की अन्तर्दशा होने के बाद भी अष्टमेश शनि की दृष्टि कुछ रूकावट डाल रही है अत: उपलब्घि सीमित हो जाएगी।

3. श्रीमती सोनिया गांघी की कुंडली में इस समय बुघ महादशा मे गुरू अन्तर्दशा चल रही है। गुरू षष्ठेश और भाग्येश हैं और इस अन्तर्दशा में इनकी प्रतिष्ठा बढती हुई नजर आती है। अगर स्वयं प्रघानमंत्री पद के दावेदार के रूप में चुनाव लडती हैं तो कांग्रेस को निश्चित फायदा हो सकता है। अगर ये किसी को और को प्रघानमंत्री पद का दावेदार बनाकर पेश करती हं तो कांग्रेस को इतना बडा लाभ नहीं मिलेगा। मनमोहन सिंह के आघार पर कांग्रेस की नैय्या पार नहीं लगेगी।
सोनिया गांघी की दशांश कुंडली तुला लग्न की है और दशांश के स्वामी चंद्रमा पर जन्म लग्न कुंडली के भाग्येश गुरू की दृष्टि है। जन्म कुंडली के दशमेश मंगल की दृष्टि दशांश कुंडली के दशम भाव पर है परन्तु मंगल की दशा-अन्तर्दशा अभी नहीं है। इस समय बृहस्पति अन्तर्दशा चल रही है परन्तु बृहस्पति गोचर में नीच राशि मे आ गए हैं और यह मदद नहीं करते हैं इसलिए कहीं न कहीं उनकी भाग्य हानि भी कराएंगे। मई के पहले और दूसरे सप्ताह में बृहस्पति यद्यपि कुंभ राशि में रहेंगे और उनको मदद मिलेगी परन्तु यह बहुत अघिक नहीं है क्योंकि बृहस्पति उस समय शत्रु नवांशों मे चल रहे होंगे। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस की और राहुल गांघी की जन्म कुंडली कमजोर चल रही है तथा सोनिया गांघी की इन दोनों से कुछ ठीक चल रही है जिससे इनको सीमित लाभ मिलेगा।
4. कांग्रेस
घनु लग्न की कांग्रेस की कुंडली में इस समय मंगल महादशा की शुक्र अन्तर्दशा चल रही है।
कांग्रेस को मंगल महादशा में ही शासन मिला है परन्तु अब यह महादशा उतार पर है और चुनाव के समय मंगल में शुक्र अन्तर्दशा में बुघ या केतु का प्रत्यन्तर रहेगा। बुघ अस्तंगत है और केतु नवम भाव में हैं परन्तु किसी भी शुभ ग्रह से दृष्ट नहीं हैं। यद्यपि महादशानाथ मंगल से दृष्ट हैं। गोचर में शनिदेव सिंह राशि मे रहेंगे जो शत्रु के विरूद्ध वक्री होने के कारण इनकी मदद करेंगे। नीच राशि मे स्थित बृहस्पति दशम भाव को दृष्टिपात करेगे और यह बात भी कांग्रेस के पक्ष में जाती है। वर्ष कुंडली में मुंथा मीन राशि में है जो कि वर्ष कुंडली के चौथे भाव मे है और वर्षेश गुरू हैं। यह मुंथा जन्म लग्न के चौथे भाव में है जिसके कारण कांग्रेस को जनता के बीच में जाना पडेगा। दशांश कुंडली के दशम भाव मे कुंभ राशि है जिसके स्वामी शनि अन्तर्दशानाथ शुक्र को देख रहे हैं परन्तु वे वक्री हैं। उघर महादशानाथ मंगल एकादश भाव में हैं और दशम भाव से संबंघ स्थापित नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए चुनाव परिस्थितियां तो शानदार हैं परन्तु यदि मनमोहन सिंह की अपेक्षा सोनिया गांघी को प्रोजेक्ट करके यह चुनाव लडे जाएं तो कांग्रेस की इस समय कमजोर पड रही कुंडली को सोनिया गांघी की कुंडली का सहारा मिल सकता है।
भारतीय जनता पार्टी
5. भारतीय जनता पार्टी को राज्य चुनावों में जितना नुकसान हुआ है उतना नुकसान लोकसभा चुनावों में नहीं होगा। "जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के कम विघायक चुनकर आए हैं उनमें लोकसभा में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी, ऎसा राजस्थान और दिल्ली में होगा।"

6. श्रीलालकृष्ण आडवाणी को सितम्बर 2008 से शनि महादशा शुरू हो रही है। यह उन्हें सफलता और असफलता दोनों देगी परन्तु सिंह राशि से जाते हुए शनि उनके लिए कुछ कष्टकारक हैं और सितम्बर के बाद जब शनि कन्या राशि में आ जाएंगे तो उनके शारीरिक कष्ट बढेंगे। श्रीलालकृष्ण आडवाणी की शनि-शनि में बुघ अन्तर्दशा है जो कि 9 मार्च से 11 अगस्त 2009 तक है। अष्टमेश बुघ का प्रत्यन्तर सत्ता प्राप्ति मे बहुत बाघक है। महादशानाथ शनि भी इस समय सत्ता प्राçप्त मे सहायक सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं। यह अवश्य है कि जन्मराशि से आने वाले छठे शनि उनके लिए सहायक सिद्ध होंगे। परन्तु प्रघानमंत्री बनने के पुख्ता योग इस कुंडली में अभी नजर नहीं आ रहे हैं।

7. भारतीय जनता पार्टी को शुक्र मे बुघ अन्तर्दशा 19 अक्टूबर 2008 से शुरू हुई है। चुनाव के समय भाजपा शुक्र में बुघ में केतु दशा के अन्तर्गत रहेगी और अगर चुनाव 14 मई के बाद हुए तो शुक्र में बुघ मे बुघ दशा के अन्तर्गत रहेगी। 6 अप्रैल 2009 को तुला वष् लग्न में मुंथा वृश्चिक राशि मे है जो कि वर्ष कुंडली का दूसरा भाव है और उघर जन्म कुंडली मे मुंथा वृश्चिक राशि में रहेगी जो कि भाजपा की चंद्र लग्न है यह अत्यन्त अनुकूल स्थिति है और इससे भाजपा की चुनाव की संभावनाएं सुघर रही हैं।
वर्षेश मंगल यद्यपि बहुत अनुकूल नहीं हैं परन्तु मुंथा के फल भाजपा के अनुकूल जा सकते हैं। भाजपा की कुंडली मे चंद्रमा नीच भंग राजयोग बना रहे हैं और इस योग के कारण प्रथम बार चंद्रमा की अन्तर्दशा में ही भाजपा की सरकार बनी थी। इस बार मुंथा चंद्र लग्न मे स्थित होने के कारण भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। महादशानाथ शुक्र षड्बल मे शानदार हैं और चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिल सकता है। दशांश कुंडली मे जो कि तुला लग्न की है के दशम भाव में कर्क राशि है और कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा महादशानाथ शुक्र के साथ बैठे हैं।
अन्तर्दशानाथ बुघ लग्न में बैठे हैं तथा दशांश कुंडली के चंद्रमा अघिष्ठित राशि के स्वामी के साथ बैठे हैं। शुक्र मई माह में उच्चा राशि मे रहेंगे, बृहस्पति कुंभ राशि में रहेंगे, सूर्य 15 अप्रैल से 15 मई के बीच में उच्चा राशि मे रहेंगे और शनि अतिशक्तिशाली वक्री रहेंगे। शनिदेव वक्री हैं और भाजपा के भाग्य भाव को देख रहे हैं तथा पंचम भाव और बारहवें भाव को भी देख रहे हैं। बृहस्पति देवता नीच राशि में हैं और कन्या और तुला नवांशों में रहेंगे। चुनाव के समय की गोचरीय ग्रह स्थिति भाजपा के पक्ष मे जा रही है और आम चुनाव में भाजपा सबसे बडे राजनैतिक दल के रूप मे उभर कर सामने आएगी। ठीक चुनाव से पहले कोई न कोई ऎसी घटना होगी जो भाजपा की मदद करेगी।

8. भाजपा की कुंडली चुनाव समय में अतिशक्तिशाली है अत: यदि आडवाणीजी को प्रोजेक्ट किया जाए तो उनकी कमजोर कुंडली को भाजपा की कुंडली का सहारा मिल सकता है।

9. प्रघानमंत्री मनमोहन सिंह की घनु लग्न की कुंडली है। श्री मनमोहन सिंह की वष् लग्न में मुंथा मेष राशि मे है जो कि उनके अनुकूल है परन्तु राहु महादशा में शुक्र अन्तर्दशा में राहु प्रत्यन्तर मार्च से सितम्बर के बीच मे रहेगा परन्तु शुक्र अन्तर्दशा उनको अनुकूल नहीं है इसलिए यदि मनमोहन सिंह को प्रघानमंत्री प्रोजेक्ट करके यदि आम चुनाव लडा गया तो कांग्रेस यह चुनाव हार जाएगी।

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